Post Office Box Method Experiment Physic in Hindi

post office box full details in Hindi with compete experiment for all physics and all competitive exam यह उपकरण पहले डाकघरों में टेलीफोन अथवा टेलीग्राम के तारों का प्रतिरोध ज्ञात करने या तार के टूट जाने की स्थिति में पता लगाने के काम आता था|

पोस्ट ऑफिस बॉक्स एक प्रतिरोध बॉक्स की भांति होता है जिसमें दो अनुपाती भुजाये AB व BC श्रेणीक्रम में जोड़े होती हैं इन भुजाओ में से प्रत्येक 10, 100 व 1000 ओम के प्रतिरोध लगे होते हैं| तीसरे ज्ञात भुजा AD में 1 ओम से 5000 ओम तक के प्रतिरोध U आकृति की पंक्ति में लगे होते हैं AC व BD भुजाओं में एक – एक कुंजी लगाने के लिए A का संबंध दाब कुंजी K1 से तथा B का संबंध दाब कुंजी K2 से होता है| जिस तार का प्रतिरोध S अथवा विशिष्ट प्रतिरोध निकालना होता है उससे अज्ञात भुजा CD में जोड़ देते हैं धारामापी G को कुंजी K2 के द्वारा B व D के बीच, तथा सेल E को कुंजी K1 के द्वारा A व C के बीच जोड़ देते हैं|

प्रयोग विधि :-

तार के प्रतिरोध S का मान निकालने के लिए अनुपाती भुजाएं AB व CD में से 10 10 ओम के प्रतिरोध प्लग निकाले जाते हैं इससे इन भुजाओं के प्रतिरोधो P व Q का अनुपात 1 : 1 हो जाता है अब ज्ञात भुजा AD में से किसी प्रतिरोध R का प्लग निकाल कर पहले सेल कुंजी K1 को तथा फिर धारामापी की कुंजी K2 को दबाते हैं इससे धारामापी में विछेप उत्पन्न होता है R का मान उत्तरोत्तर बढ़ाते हुए एक के अंतर में से दो ऐसे प्रतिरोध ज्ञात कर लेते हैं जिनके लिए पहले K1 को फिर K2 को दबाने पर धारामापी के विपरीत दिशा में विछेप उत्पन्न हो| अज्ञात प्रतिरोध S का मान, R के इन दो प्रतिरोधों के बीच होगा|

अब P का मान 100 ओम कर देते हैं तथा Q का मान 10 ओम ही रहने देते हैं जिससे कि P व Q का अनुपात 10 :1 हो जाता है AD भुजा में पुनः उत्तरोत्तर ऐसे दो प्रतिरोध ज्ञात करते हैं जिनका मान पहले दोनों प्रतिरोधों के 10 गुने के बीच में हो तथा पहले कुंजी K1 तथा फिर कुंजी K2 को दबाने पर धारामापी में विछेप विपरीत दिशा में हो इससे अज्ञात प्रतिरोध S का मान दशमलव के 1 अंक तक ज्ञात हो जाता है|

अंत में P व क् का अनुपात 100 :1 करके R का ऐसा मान ज्ञात करते हैं कि यह धारामापी में कोई विछेप ना हो| अविछेप स्थिति के लिए धारामापी का शंट हटा देते हैं इससे S का मान दशमलव के दो अंकों तक ज्ञात हो जाता है तार की लंबाई (l) मीटर पैमाने से तथा तार की त्रिज्या (r) और पेचमापी से ज्ञात करके, तार के पदार्थ के विशिष्ट प्रतिरोध (ρ) की गणना निम्न सूत्र द्वारा कर लेते हैं|

ρ = Sxπr2/l