विद्युत कार्य (Types of Wise joints in hindi) में विभिन्न प्रकार के छोड़ आवश्यकतानुसार प्रयुक्त होते हैं एक जोड़ द्वारा दी गई सेवा से जोड़ का उपयोग में आने वाला प्रकार ज्ञात होता है कुछ चालकों (Joints in Hindi) के जोड़ों में श्रेष्ठ विद्युत चालकता आवश्यकता होती है जबकि यांत्रिक मजबूती आवश्यक नहीं है उदाहरण के लिए संधि बॉक्स और कंडक्ट साधन में निर्मित जोड़ सिरोपरी लाइनों के चालक में निर्मित जोड़ विद्युत रूप से चालक होने चाहिए तथा निलंबित चालक के भर और वायु दाब के कारण तनाव को सहन करने के लिए यांत्रिक रूप से सिदिध होना चाहिए

विद्युत तार जोड़ने के प्रकार
जब हम “वायर जॉइंट” या “स्प्लाइस (splice)” की बात करते हैं, तो इसका मतलब होता है —
दो या उससे अधिक कंडक्टर (तारों) को इस तरह जोड़ना कि विद्युत धारा बिना रुकावट एक तार से दूसरे में प्रवाहित हो सके।
एक अच्छे जॉइंट की विशेषताएँ
किसी भी तार जोड़ (joint) को बनाते समय यह बातें हमेशा ध्यान रखें:
- अच्छा विद्युत संपर्क (Good Electrical Contact) —
जोड़ इस तरह होना चाहिए कि बिजली आसानी से बहे, रुकावट न हो और तार ढीले न हों। - यांत्रिक मजबूती (Mechanical Strength) —
जोड़ इतना मजबूत हो कि हल्का खिंचाव या वाइब्रेशन आने पर टूटे नहीं। - इंसुलेशन / सुरक्षा (Proper Insulation) —
जोड़ने के बाद उसे टेप या हीट-श्रिंक ट्यूब से ढकें ताकि शॉर्ट सर्किट न हो। - जंग से सुरक्षा (Corrosion Protection) —
अगर जोड़ नमी वाले स्थान पर है तो उसे सोल्डर या विशेष सीलिंग से सुरक्षित करें। - बिजली सुरक्षा नियमों के अनुसार (As per Electrical Codes) —
कुछ देशों/राज्यों में केवल ट्विस्ट और टेप करना गैरकानूनी माना जाता है। सही कनेक्टर या जंक्शन बॉक्स का प्रयोग करें।
विद्युत तार जोड़ने के प्रकार (Types of Wire Joints)
| क्रम | जॉइंट का नाम | उपयोग / विशेषता | बनाने की विधि (Steps) | टिप्पणी |
|---|---|---|---|---|
| 1. स्ट्रेट ट्विस्ट जॉइंट (Straight Twist Joint) | इसे स्ट्रेट स्प्लाइस या बट जॉइंट भी कहते हैं | दो तारों को एक सीधी लाइन में जोड़ने के लिए | ① दोनों तारों की इंसुलेशन ~20–30 मिमी तक छीलें ② तारों को बराबर रखें और एक-दूसरे के साथ मरोड़ें (4–8 बार) ③ चाहें तो सोल्डर करें ④ टेप या हीट-श्रिंक से ढकें | आसान तरीका है, पर यांत्रिक रूप से कमजोर होता है |
| 2. रैट-टेल स्प्लाइस (Rat Tail Splice / Pig Tail) | कई तारों को एक साथ जोड़ने के लिए (जंक्शन बॉक्स में) | ① सभी तारों की इंसुलेशन छीलें ② सबको एक साथ पकड़कर मरोड़ें ③ चाहें तो सोल्डर करें ④ इंसुलेट करें | घरों की वायरिंग में सबसे आम तरीका | |
| 3. वेस्टर्न यूनियन स्प्लाइस (Western Union Joint) | मजबूत जोड़ के लिए | ① तारों को क्रॉस करें ② दोनों सिरों को एक-दूसरे के चारों ओर 6–8 बार लपेटें ③ सोल्डर करें ④ इंसुलेट करें | लंबी दूरी के तारों या फोन वायर में प्रयोग | |
| 4. टैप स्प्लाइस (T-Joint) | मुख्य तार से शाखा निकालने के लिए | ① मुख्य तार का इंसुलेशन बीच से 25 मिमी तक निकालें ② ब्रांच वायर का सिरा छीलें ③ उसे मुख्य तार के चारों ओर 6–8 बार लपेटें ④ सोल्डर करें व इंसुलेट करें | “T” आकार का जोड़ बनता है | |
| 5. ब्रिटानिया जॉइंट (Britannia Joint) | अर्थिंग (ग्राउंड वायर) के लिए | ① मुख्य तार का कुछ हिस्सा छीलें ② दूसरा तार उससे जोड़कर लपेटें ③ सोल्डर करें ④ ढकें या सुरक्षित करें | अर्थिंग पॉइंट्स पर उपयोग | |
| 6. क्रिम्प या लॉक जॉइंट (Crimp / Lock Joint) | क्रिम्पिंग टूल और कनेक्टर से | ① तारों को छीलें ② क्रिम्प स्लीव में डालें ③ क्रिम्प टूल से दबाएं ④ टेप या श्रिंक लगाएं | औद्योगिक और ऑटोमोबाइल वायरिंग में उपयोगी | |
| 7. केबल जॉइंट (Cable Joint for Power Cables) | मोटे या भूमिगत तारों के लिए | इसमें स्ट्रेट, टी, या ट्रांजिशन जॉइंट होते हैं इंसुलेशन, हीट-श्रिंक, रेज़िन आदि का प्रयोग | उच्च वोल्टेज और भारी पावर के लिए | |
| 8. हीट-श्रिंक / कोल्ड-श्रिंक जॉइंट | नमी और मौसम से सुरक्षा के लिए | ① जोड़ने के बाद ट्यूब चढ़ाएं ② हीट या कोल्ड-श्रिंक से सील करें | आउटडोर या भूमिगत तारों में |
हर जोड़ बनाने की विधि (Step-by-Step in Hindi)
1️⃣ स्ट्रेट ट्विस्ट जॉइंट (straight Twist Joint) बनाने की विधि:

- बिजली बंद करें।
- दोनों तारों का इंसुलेशन 25 मिमी तक छीलें।
- तारों को पास लाएं और एक-दूसरे के साथ मरोड़ें।
- चाहें तो सोल्डर करें।
- इंसुलेटिंग टेप या हीट-श्रिंक से ढक दें।
स्ट्रेट ट्विस्ट जॉइंट (Straight Twist Joint) के उपयोग
स्ट्रेट ट्विस्ट जॉइंट दो तारों को एक सीधी रेखा में जोड़ने के लिए बनाया जाता है।
इसका उपयोग तब किया जाता है जब दो विद्युत तारों की लंबाई बढ़ानी हो या किसी कटे हुए तार को दोबारा मरम्मत (repair) करनी हो।
यह जोड़ सरल, सस्ता और जल्दी बनने वाला होता है।
स्ट्रेट ट्विस्ट जॉइंट के प्रमुख उपयोग (Main Uses):
- तार की लंबाई बढ़ाने में (Extension of Wire Length):
जब किसी वायर को लंबा करना होता है, तब दो तारों को इस जोड़ से जोड़कर उसकी लंबाई बढ़ाई जाती है। - कटे हुए तार को जोड़ने में (Repairing Broken Wires):
अगर कोई तार बीच से टूट जाए या कट जाए, तो दोनों सिरों को साफ करके स्ट्रेट ट्विस्ट जॉइंट से दोबारा जोड़ा जाता है। - घरों की सामान्य वायरिंग में (Domestic Wiring):
घरेलू विद्युत फिटिंग, लाइटिंग या पंखे की वायरिंग में इसका उपयोग अक्सर किया जाता है,
जहाँ कम वोल्टेज और हल्का लोड होता है। - टेम्पररी कनेक्शन में (Temporary Electrical Connections):
अस्थायी विद्युत कनेक्शन या टेस्टिंग के दौरान यह जोड़ बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इसे जल्दी बनाया जा सकता है। - कम वोल्टेज वाले सर्किट में (Low Voltage Circuits):
जैसे — बेल वायर, टेलीफोन वायर, छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की वायरिंग आदि में।
फायदे (Advantages):
- बनाना आसान और तेज़।
- बहुत कम सामग्री की आवश्यकता।
- बिना किसी खास टूल के बनाया जा सकता है।
नुकसान (Disadvantages):
- यह जोड़ मैकेनिकल रूप से कमजोर होता है।
- केवल लो वोल्टेज और लो करेंट सर्किट के लिए उपयुक्त है।
- ज्यादा खिंचाव या कंपन (vibration) होने पर ढीला पड़ सकता है।
स्ट्रेट ट्विस्ट जॉइंट एक साधारण लेकिन उपयोगी जोड़ है,
जो छोटे घरेलू सर्किट, अस्थायी कनेक्शन और वायर एक्सटेंशन के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
यह जोड़ तभी सुरक्षित होता है जब इसे ठीक से टाइट करके और इंसुलेटिंग टेप से ढक दिया जाए।
2️⃣ Rat Tail (Pig Tail) Joint :

- बिजली बंद करें।
- 2 या अधिक तारों की इंसुलेशन छीलें।
- सभी को एक साथ पकड़ें और मरोड़ें।
- सोल्डर करें (यदि आवश्यक हो)।
- टेप या स्प्लाइस-कैप से ढकें।
पिग टेल जॉइंट के प्रमुख उपयोग (Main Uses):
- घरों की वायरिंग में (Domestic Wiring):
यह सबसे अधिक घरों और बिल्डिंग की जंक्शन बॉक्स (Junction Box) वायरिंग में उपयोग किया जाता है,
जहाँ कई तारों को एक साथ जोड़कर एक ही सर्किट बनाया जाता है — जैसे स्विच, बल्ब या पंखे के कनेक्शन में। - ब्रांच सर्किट (Branch Circuits):
जब एक मुख्य तार से कई ब्रांच निकलनी हों,
तो सभी ब्रांच तारों को मुख्य तार के साथ मरोड़कर पिग टेल जॉइंट बनाया जाता है। - टेस्टिंग या अस्थायी कनेक्शन (Testing or Temporary Connections):
अस्थायी या जल्दी कनेक्शन के लिए यह जोड़ बहुत सुविधाजनक होता है। - लाइटिंग सर्किट में (Lighting Circuits):
जहाँ एक ही स्विच से कई लाइट या फैन चलाने होते हैं, वहाँ यह जोड़ बहुत आम है।
फायदे (Advantages):
- बनाना आसान और तेज़।
- एक साथ कई तारों को जोड़ने के लिए उपयुक्त।
- ज्यादा सामग्री की ज़रूरत नहीं होती (सिर्फ़ प्लायर और टेप)।
- अच्छे संपर्क (Good Electrical Contact) के लिए सोल्डर भी लगाया जा सकता है।
नुकसान (Disadvantages):
- मैकेनिकल मजबूती (Mechanical Strength) कम होती है।
- अगर जोड़ को ठीक से इंसुलेट नहीं किया गया, तो शॉर्ट सर्किट का खतरा रहता है।
- केवल लो वोल्टेज सर्किट (Low Voltage Circuits) के लिए उपयुक्त है।
- तारों पर ज़्यादा खिंचाव या झटका आने पर जोड़ ढीला हो सकता है।
सावधानियाँ (Precautions):
- सभी तारों की इंसुलेशन 2–3 सेमी तक साफ करके समान लंबाई में छीलें।
- मरोड़ने से पहले तारों के सिरों को ठीक से सीधा करें।
- जोड़ने के बाद इंसुलेटिंग टेप या हीट श्रिंक ट्यूब से जोड़ को अच्छी तरह ढकें।
- अगर जोड़ स्थायी होना है तो सोल्डरिंग (Soldering) करें।
पिग टेल जॉइंट एक सामान्य और सुविधाजनक जोड़ है,
जो घरेलू वायरिंग, ब्रांच सर्किट और जंक्शन बॉक्स में सबसे अधिक उपयोग होता है।
यह जोड़ केवल कम वोल्टेज सर्किट के लिए उपयुक्त है और इसे हमेशा इंसुलेशन से ढकना चाहिए ताकि सुरक्षा बनी रहे।
3️⃣ Western Union Joint:

- दोनों तारों का सिरा छीलें।
- उन्हें क्रॉस करें।
- दोनों सिरों को 6–8 बार लपेटें।
- सोल्डर करें और टेप लगाएं।
👉 यह जोड़ बहुत मजबूत होता है।
वेस्टर्न यूनियन जॉइंट के प्रमुख उपयोग (Main Uses):
- लंबे तारों को जोड़ने में (Joining Long Wires):
यह जोड़ मुख्य रूप से उन तारों में उपयोग किया जाता है जो लंबी दूरी तक फैले होते हैं, जैसे — टेलीग्राफ, टेलीफोन या डेटा लाइन्स। - लाइन वायरिंग में (Line Wiring):
ओवरहेड लाइन या पोल वायरिंग में इसका उपयोग किया जाता है क्योंकि यह जोड़ मैकेनिकल रूप से बहुत मजबूत होता है। - स्थायी विद्युत जोड़ (Permanent Electrical Connections):
जहाँ जोड़ को बार-बार नहीं खोलना होता, वहाँ यह सबसे विश्वसनीय विकल्प है। - कम झटके और कंपन वाले सर्किट (Stable Circuits):
यह जोड़ उन सर्किट्स में उपयोग किया जाता है जहाँ कंपन (vibration) या बार-बार हिलना नहीं होता। - सोल्डरिंग के साथ प्रयोग (Soldered Permanent Joints):
वेस्टर्न यूनियन जॉइंट को सोल्डरिंग के साथ मिलाकर उपयोग करने पर यह लगभग स्थायी जोड़ बन जाता है, जो वर्षों तक टिकता है।
फायदे (Advantages):
- अत्यधिक मजबूती (High Mechanical Strength):
यह जोड़ खींचने पर ढीला नहीं होता, बल्कि और मजबूत हो जाता है। - बेहतर विद्युत संपर्क (Good Electrical Conductivity):
कसकर लिपटने के कारण तारों का सतही संपर्क बढ़ता है, जिससे करंट आसानी से बहता है। - लंबी लाइनों के लिए उपयुक्त (Ideal for Long Lines):
दूर-दराज के कनेक्शन या सिग्नल वायरिंग में यह जोड़ सबसे उपयुक्त होता है। - टिकाऊ और सुरक्षित (Durable and Safe):
एक बार ठीक से बना लेने पर यह जोड़ वर्षों तक स्थायी रहता है।
⚠️ नुकसान (Disadvantages):
- बनाने में समय लगता है (Time-Consuming):
यह जोड़ साधारण ट्विस्ट या पिग टेल की तुलना में थोड़ा जटिल और समय लेने वाला होता है। - कौशल की आवश्यकता (Requires Skill):
इसे सही तरीके से बनाने के लिए इलेक्ट्रिशियन को सही तकनीक पता होनी चाहिए। - सोल्डरिंग जरूरी (Solder Recommended):
बिना सोल्डर के यह जोड़ खुल सकता है या समय के साथ ढीला पड़ सकता है। - लचीले तारों के लिए उपयुक्त नहीं (Not for Stranded Wires):
यह केवल सॉलिड कंडक्टर (Solid Copper Wire) के लिए उपयुक्त होता है, न कि मल्टी-स्ट्रैंड तारों के लिए।
सावधानियाँ (Precautions):
- तारों को जोड़ने से पहले 8–10 सेंटीमीटर तक इंसुलेशन हटाएँ।
- दोनों सिरों को क्रॉस (X) में रखकर लपेटें।
- प्रत्येक सिरे को दूसरे के चारों ओर 5–6 बार कसकर घुमाएँ।
- यदि जोड़ स्थायी रखना है तो सोल्डरिंग (Soldering) ज़रूर करें।
- जोड़ने के बाद इंसुलेटिंग टेप या हीट श्रिंक ट्यूब से कवर करें।
वेस्टर्न यूनियन जॉइंट एक अत्यंत मजबूत और टिकाऊ जोड़ है,
जो लंबे और स्थायी कनेक्शनों के लिए सबसे उपयुक्त है।
यह न केवल विद्युत दृष्टि से सुरक्षित है, बल्कि मैकेनिकल रूप से भी बहुत मजबूत होता है।
इसलिए यह जोड़ टेलीफोन, टेलीग्राफ, लाइन वायरिंग और स्थायी विद्युत इंस्टॉलेशन में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
4️⃣ टी-जॉइंट (T Joint):

- मुख्य तार का बीच वाला इंसुलेशन छीलें।
- ब्रांच तार का सिरा छीलें।
- उसे मुख्य तार के चारों ओर लपेटें।
- सोल्डर करें और इंसुलेट करें।
👉 इसका उपयोग नई लाइन निकालने के लिए होता है।
टी-जॉइंट के प्रमुख उपयोग (Main Uses):
- ब्रांच कनेक्शन बनाने में (Creating Branch Connections):
यह जोड़ सबसे अधिक तब उपयोग किया जाता है जब किसी मुख्य लाइन से दूसरी लाइन या शाखा निकालनी हो,
जैसे किसी सर्किट में एक अतिरिक्त बल्ब, पंखा या सॉकेट जोड़ना। - घरों की वायरिंग में (Domestic Wiring):
घरों की जंक्शन बॉक्स वायरिंग या लाइटिंग पॉइंट्स में इसका बहुत उपयोग होता है। - ओवरहेड लाइन में (Overhead Distribution Lines):
जब मुख्य तार (जैसे एल्युमिनियम कंडक्टर) से कोई सप्लाई लाइन नीचे उतारनी हो, तो टी-जॉइंट का उपयोग किया जाता है। - इलेक्ट्रिकल रिपेयर और एक्सटेंशन में (Repairs and Extensions):
किसी मौजूदा सर्किट में नया डिवाइस या पॉइंट जोड़ने के लिए भी यह जोड़ बहुत उपयोगी है।
फायदे (Advantages):
- ब्रांच जोड़ने में आसान (Easy to Create Branches):
मुख्य तार को बिना काटे नई शाखा जोड़ने का सबसे सरल तरीका। - कम सामग्री में बनता है (Economical and Simple):
इसके लिए केवल थोड़ा इंसुलेशन हटाना और एक साधारण टर्निंग प्लायर पर्याप्त होता है। - कम समय में बनता है (Quick to Make):
यह जोड़ कुछ ही मिनटों में बनाया जा सकता है। - लो-वोल्टेज सर्किट के लिए उपयुक्त (Ideal for Low Voltage Circuits):
घरेलू वायरिंग और छोटे उपकरणों के सर्किट में यह बहुत उपयोगी है।
नुकसान (Disadvantages):
- मैकेनिकल मजबूती कम (Less Mechanical Strength):
यह जोड़ ज्यादा खिंचाव या कंपन (vibration) सहन नहीं कर पाता। - सही इंसुलेशन जरूरी (Proper Insulation Needed):
अगर जोड़ को सही से टेप या श्रिंक ट्यूब से नहीं ढका गया, तो शॉर्ट सर्किट हो सकता है। - सिर्फ़ हल्के लोड के लिए उपयुक्त (For Light Loads Only):
यह जोड़ भारी करंट या इंडस्ट्रियल वायरिंग के लिए उपयुक्त नहीं है। - गलत लपेटने पर ढीला जोड़ (Loose Joint Risk):
अगर शाखा तार को ठीक से नहीं लपेटा गया, तो विद्युत संपर्क ढीला पड़ सकता है।
सावधानियाँ (Precautions):
- मुख्य तार का इंसुलेशन लगभग 2–3 सेमी तक हटाएँ।
- शाखा तार का सिरा साफ और सीधा करें।
- शाखा तार को मुख्य तार के खुले हिस्से पर 6–8 बार कसकर लपेटें।
- यदि जोड़ स्थायी हो, तो सोल्डरिंग करें ताकि विद्युत संपर्क मज़बूत बने।
- जोड़ने के बाद इंसुलेटिंग टेप या हीट-श्रिंक ट्यूब से जोड़ को अच्छी तरह ढकें।
टी-जॉइंट एक सरल और व्यावहारिक जोड़ है
जो मुख्य तार से नई शाखा निकालने के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
यह जोड़ छोटे घरेलू सर्किट, लाइटिंग इंस्टॉलेशन और टेस्ट कनेक्शन में अक्सर उपयोग होता है।
हालांकि, यह जोड़ केवल लो-वोल्टेज सर्किट के लिए उपयुक्त है और इसे हमेशा अच्छे इंसुलेशन के साथ सुरक्षित किया जाना चाहिए।
5️⃣ ब्रिटानिया जॉइंट (Britannia joint):

- मुख्य तार को बीच से छीलें।
- दूसरा तार जोड़ें और कसकर लपेटें।
- सोल्डर करें।
- जरूरत हो तो इंसुलेट करें।
👉 अर्थिंग लाइन जोड़ने में उपयोग।
ब्रिटानिया जॉइंट के प्रमुख उपयोग (Main Uses):
- भारी तारों को जोड़ने में (Joining Heavy Conductors):
जब दो मोटे या सॉलिड कंडक्टर तारों को जोड़ना हो,
तब ब्रिटानिया जॉइंट का उपयोग किया जाता है क्योंकि यह जोड़ अधिक मजबूत होता है। - अर्थिंग कनेक्शन (Earthing Connections):
यह जोड़ अक्सर अर्थ वायर (Ground Wire) को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है,
क्योंकि यह स्थायी और कम रेसिस्टेंस वाला जोड़ बनाता है। - उच्च वोल्टेज सर्किट (High Voltage Circuits):
जहाँ करंट अधिक हो और जोड़ पर अधिक भार पड़े,
वहाँ ब्रिटानिया जॉइंट अन्य जोड़ की तुलना में अधिक टिकाऊ और सुरक्षित होता है। - केबल रिपेयरिंग (Cable Repairing):
जब किसी मोटे केबल में खराबी या ब्रेक आ जाए,
तो उसे स्थायी रूप से जोड़ने के लिए इस प्रकार का जोड़ किया जाता है।
फायदे (Advantages):
- अत्यधिक मजबूती (High Mechanical Strength):
इस जोड़ की पकड़ बहुत मजबूत होती है, जिससे यह भारी तारों के लिए उपयुक्त है। - बेहतर विद्युत संपर्क (Good Electrical Conductivity):
बाइंडिंग वायर कसकर लपेटा जाता है जिससे करंट का प्रवाह बिना रुकावट होता है। - स्थायी जोड़ (Permanent Joint):
यह जोड़ लंबे समय तक स्थायी रहता है, इसलिए अर्थिंग या लाइन वायर में उपयोगी है। - कंपन-प्रतिरोधी (Vibration Resistant):
यह जोड़ कंपन (vibration) या झटकों से ढीला नहीं होता।
नुकसान (Disadvantages):
- समय अधिक लगता है (Time-Consuming):
इसमें कई चरणों में लपेटना और सोल्डर करना पड़ता है, इसलिए समय लगता है। - कौशल की आवश्यकता (Requires Skill):
सही तकनीक से लपेटना और सोल्डरिंग करना ज़रूरी है,
अन्यथा जोड़ कमजोर हो सकता है। - छोटे तारों के लिए उपयुक्त नहीं (Not for Thin Wires):
यह जोड़ मोटे सॉलिड कंडक्टर के लिए उपयुक्त है, छोटे तारों में नहीं। - सोल्डरिंग आवश्यक (Soldering Needed):
बिना सोल्डर के यह जोड़ लंबे समय तक स्थायी नहीं रहता।
सावधानियाँ (Precautions):
- दोनों तारों का इंसुलेशन 8–10 सेंटीमीटर तक हटाएँ।
- तारों के सिरों को एक-दूसरे के सामने सीधी रेखा में रखें।
- एक पतले बाइंडिंग तार से दोनों सिरों पर 4–5 टर्न लपेटें।
- फिर पूरे जोड़ पर एक लंबा पतला तार लेकर 10–15 टर्न कसकर लपेटें।
- जोड़ पूरा होने पर उस पर सोल्डरिंग करें ताकि स्थायी और चालक (Conductive) संपर्क बने।
- जोड़ को सूखने के बाद इंसुलेशन टेप या हीट-श्रिंक ट्यूब से कवर करें।
ब्रिटानिया जॉइंट एक अत्यंत मजबूत, सुरक्षित और स्थायी जोड़ है,
जो मोटे कंडक्टरों, अर्थिंग कनेक्शन और उच्च वोल्टेज सर्किट के लिए उपयोग किया जाता है।
यह जोड़ करंट प्रवाह को सुचारू बनाए रखता है और खिंचाव या कंपन के बावजूद स्थिर रहता है।
इसे सही तकनीक और सोल्डरिंग के साथ करने पर यह सबसे भरोसेमंद जोड़ माना जाता है।
6️⃣ क्रिम्प जॉइंट:
- सही साइज का क्रिम्प कनेक्टर लें।
- दोनों तारों को डालें।
- क्रिम्प टूल से दबाकर जोड़ बनाएं।
- चेक करें कि तार ढीला न हो।
- टेप या हीट-श्रिंक लगाएं।
👉 यह सबसे मजबूत और आधुनिक जोड़ माना जाता है।
फायदें और नुकसान (Advantages & Disadvantages)
| जॉइंट का प्रकार | फायदे | नुकसान | प्रयोग क्षेत्र |
|---|---|---|---|
| स्ट्रेट ट्विस्ट | सरल, जल्दी बनता है | कमजोर | घरेलू वायरिंग (बॉक्स के अंदर) |
| रैट-टेल | कई तार जोड़ सकते हैं | ज्यादा मजबूत नहीं | जंक्शन बॉक्स |
| वेस्टर्न यूनियन | मजबूत और भरोसेमंद | थोड़ा कठिन | लंबी लाइनें |
| टी-जॉइंट | ब्रांच निकालने में आसान | खिंचाव से टूट सकता है | ब्रांच सर्किट |
| ब्रिटानिया | मजबूत ग्राउंड कनेक्शन | कम उपयोग | अर्थिंग |
| क्रिम्प | बहुत मजबूत और साफ | टूल चाहिए | इंडस्ट्रियल और ऑटो वायरिंग |
| हीट/कोल्ड श्रिंक | वॉटरप्रूफ और सुरक्षित | महंगा | आउटडोर या भूमिगत |
सावधानियाँ और सुझाव
- अंत में कंटीन्यूटी और इंसुलेशन टेस्ट करें।
- हमेशा पावर बंद कर के ही काम करें।
- सही टूल (वायर स्ट्रिपर, प्लायर, क्रिम्प टूल, सोल्डर आयरन) का प्रयोग करें।
- तार को काटते समय कंडक्टर को न खरोंचें।
- जोड़ के बाद ढीले तार न रहें।
- यदि जोड़ लोड झेलने वाला है, तो सोल्डर और सपोर्ट जरूर दें।
- वायरिंग हमेशा बिजली नियमों (IE Code) के अनुसार करें।
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