प्रतिरोध परिभाषा कार्य विधि और कलर कोडिंग
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि रेजिस्टेंस कितने प्रकार के होते हैं, यह कैसे काम करता है और रेजिस्टेंस के कलर कोड को कैसे पहचाने की वह कितने ओम का है और रेजिस्टेंस का उपयोग करने का सही तरीका क्या है प्रतिरोध और महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित सभी प्रकार के प्रश्न। हम यहां आप सभी से चर्चा करेंगे। प्रतिरोध बहोत ही महत्वपूर्ण विषय है आईटीआई ट्रेड थ्योरी का आइये इसके बारे में विस्तार से समझते है|

प्रतिरोध
इस पोस्ट की शुरुआत करने से पहले में आप सभी को बता दू की प्रतिरोध कहते किसे है जब किसी विद्युत परिपथ में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो यह धारा के प्रवाह का विरोध करती है, किसी पदार्थ का यह गुण “प्रतिरोध” कहलाता है, यह विद्युत ऊर्जा को ऊष्मा में परिवर्तित करता है, इसलिए विद्युत ऊर्जा का मान न्यूनतम होता है। प्रतिरोध की इकाई ओम (Ω) होती है
यदि पदार्थ के सिरों के बीच स्थापित विभवांतर V तथा उसमें प्रवाहित धारा का मान I है तो पदार्थ के प्रतिरोध का मान होगा
R = V/I |
यदि पदार्थ के सिरों के बीच विभवांतर 1 वोल्ट हो तथा उसमें से 1 एंपियर की धारा प्रवाहित हो रही है तो पदार्थ का प्रतिरोध का मान एक ओम होगा
ओम के नियमानुसार
1 Ohm = 1volt/1amp
Units of Resistance is,
Ohm = Volt/Amp = Joule/Coulomb/Amp
= (Newton x Meter)/(Amp x Sec.)/Amp
= Kg.M2/Amp2x Second2
Hence, the dimension of resistance =[M1L2T-3A-2]
आइए जानते प्रतिरोध कितने प्रकार के होते हैं ?
प्रतिरोधक को जानने के लिए हम एक चार्ट के जरिए समझ सकते हैं कि प्रतिरोधक कितने प्रकार के होते हैं आइए चार्ट को अच्छे से समझते हैं|

स्थिर मान प्रतिरोध कैसे बनता है और क्या होता है ?
को को बनाने के लिए कार्बन चूर्ण एवं बंधन पदार्थों से बनाए गए पेस्ट को पतले छड़ो के रूप में ढाल दिया जाता है और आवश्यक प्रतिरोध मान के अनुसार छोड़ को टुकड़ों में काट लिया जाता है प्रत्येक टुकड़े के दोनों और एक धात्विक टोपी लगाकर उसे एक संयोजक तार जोड़ दिया जाता है यह संयोजक तार टिन अलोपित तांबे का बना होता है इस प्रकार प्रतिरोधों 1 ओम से 50 किलो ओम तक प्रतिरोधक परास तथा 1/8 से 2 वाट शक्ति परास के बनाए जाते हैं |
परिवर्ती मान प्रतिरोधक क्या होता है ?
परिवर्ती मान प्रतिरोधों को को बनाने के लिए कार्बन चूर्ण एवं बंधक पदार्थों से बनाई गई लई को चंद्राकार पट्टी के रूप में डाल दिया जाता है इस पट्टी को उपयुक्त कुचालक आधार पर कसकर इसके दोनों सिरों पर एक-एक संयोजक जोड़ दिया जाता है पट्टी के ऊपर एक चल भुजा इस प्रकार लगाई जाती है कि उसका संबंध मध्य संयोजक से बना रहे मध्य संयोजक तथा किसी एक सिरे के संयोजक के बीच परिवर्तित प्रतिरोध का मान प्राप्त किया जा सकता है ये प्रतिरोधक 5 ओम से 5 मेगाओम तक प्रतिरोध परास तथा 0. 05 W से 0. 25 W तक के शक्ति पारस में बनाये जाते है
प्रतिरोधक की कलर कोडिंग

बाजारों एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आपने देखा होगा की तरह तरह के रजिस्टेंस पर तरह-तरह की रंगो की धरियो द्वारा एक कोड किया जाता है आइए समझते हैं कि यह रंगो की धारिया किस प्रकार से किसी प्रतिरोधक का मान को दर्शाते हैं
जिन प्रतिरोधक का आकार बड़ा होता है उन पर उनका मान प्रतिरोधक बॉडी पर प्रिंट कर दिया जाता है परंतु है प्रतिरोधक जिनका आकार बहुत छोटा होता है उन पर प्रतिरोधक के मान को प्रिंट करना आसान नहीं होता साथ ही सर्किट में लगे प्रतिरोधक का मान किसी कारणवश मिट जाने के कारण उनका मान को पढ़ पाना आसान नहीं होता है अतः इन्हीं कारणों से प्रतिरोधक की कलर कोडिंग की आवश्यकता होती है भिन्न-भिन्न उपयोगी विद्युत परिपथों में भिन्न-भिन्न मान के प्रतिरोधक प्रयुक्त किए जाते हैं प्रतिरोधक की कलर कोडिंग निम्न तथ्यों को ध्यान में रखकर की जाती है|
प्रतिरोधक का मान निर्धारण करने के लिए प्रतिरोध की सतह पर चार रंगीन पटिया बनाई जाती हैं जिनमें प्रत्येक पट्टी का विशेष महत्व होता है पहला रंग प्रतिरोधक के सिरे के पास वाले रंग को मानते हैं प्रतिरोधक के सतह पर की गई कलर कोडिंग की सहायता से प्रतिरोधक का मान ज्ञात करने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए|
- पहला रंग कभी भी काला गोल्ड एंड सिल्वर नहीं होता है|
- गोल्डन और सिल्वर रंग हमेशा दो या तीन रंगों के पश्चात आते हैं|
- किसी भी प्रतिरोध का अधिकतम 6 व कम से कम 3 रंग के हो सकते हैं|
- प्रतिरोधक पर पहला रंग और दूसरा रंग प्रतिरोधक के मान के प्रथम व द्वितीय अंत को दर्शाते हैं|
- तीसरा रंग गुणांक को व चौथा रंग टोलरेंस को दर्शाता है|
- यदि प्रतिरोधक पर टोलरेंस की चौथी रंगीन पट्टी नहीं हो तो टोलरेंस 20% माना जाता है|
प्रतिरोध की कलर कोड सारणी
रंग | प्रथम पट्टा | द्वितीय पट्टा | तृतीया पट्टा (गुणांक) | सहनशीलता (टॉलरेंस) |
---|---|---|---|---|
काला | – | 0 | 100 | – |
भूरा | 1 | 1 | 101 | – |
लाल | 2 | 2 | 102 | – |
नारंगी | 3 | 3 | 103 | – |
पीला | 4 | 4 | 104 | – |
हरा | 5 | 5 | 105 | – |
नीला | 6 | 6 | 106 | – |
बैंगनी | 7 | 7 | 107 | – |
धूसर | 8 | 8 | 108 | – |
सफेद | 9 | 9 | 109 | – |
सुनहरा | – | – | 10-1 | ± 5% |
चांदी | – | – | 10-2 | ± 10% |
बिना कलर | – | – | – | ± 20% |
निष्कर्ष
आज के विषय में हमने सीखा प्रतिरोधक किसे कहते हैं वह कितने प्रकार के होते हैं उनके प्रयोग वह प्रतिरोधक से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्र साथ ही साथ हम लोगों ने यहां पर प्रतिरोधक के कलर कोड को भी अच्छे से समझा जिससे हमें कभी भी किसी भी प्रतिरोधक को पहचानने में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना ना करना पड़े आशा करता हूं मेरे द्वारा लिखे गए इस पोस्ट से आपको काफी सहायता प्राप्त होगी यदि किसी भी प्रकार का प्रश्न हो तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं साथ ही साथ हमारे साथ जुड़े फेसबुक पेज को भी फॉलो कर सकते है|
इलेक्ट्रीशियन के अन्य महत्वपूर्ण विषयों के बारे में नीचे लिंक पर क्लिक करें
- What is Voltage Drop? वोल्टेज ड्राप हिंदी मेंविद्युत प्रणालियों में वोल्टेज ड्रॉप (Voltage Drop in Hindi) एक महत्वपूर्ण तथ्य है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह वोल्टेज में कमी को दर्शाता करता है जो तब[…]
- How to Test PNP and NPN Transistorsमल्टीमीटर का उपयोग करके NPN (Negative-Positive-Negative) और PNP(Positive-Negative-Postivie) ट्रांजिस्टर का परीक्षण किया जा सकता है। दोनों प्रकार के ट्रांजिस्टर के परीक्षण के लिए सामान्य चरण यहां दिए गए हैं: NPN[…]
- Types of Transformer Cooling in Hindiट्रांसफार्मर (Types of Transformer Cooling in Hindi) की वाइंडिंग को आयरन और कॉपर हानि से बचाने के लिए कूलिंग की आवश्यकता होती है ट्रांसफार्मर विद्युत प्रणालियों में महत्वपूर्ण घटक हैं[…]
- Types of Logic Gate with Examples in Hindiविभिन्न प्रकार के लॉजिक गेट Logic Gate in Hindi (AND Gate, NOT Gate, OR Gate, NOR Gate, NAND Gate, Ex-OR Gate) एवं उनके उदाहरण यहां परआपको विस्तार से दिया गया[…]
- Types of Hammer Use and size : Hammer ke prakar aur prayogहथौड़े (Types of Hammer in Hindi) एक हाथ के उपकरण हैं जो सदियों से मानव सभ्यता के लिए आवश्यक रहे हैं। वे विभिन्न प्रकारों में आते हैं, प्रत्येक को विशिष्ट[…]
2 thoughts on “प्रतिरोध परिभाषा कार्य विधि और कलर कोडिंग”
Comments are closed.