Types of Pistons and Their Parts: A Detailed Overview
वाहनों और मशीनों के इंजन में पिस्टन एक महत्वपूर्ण घटक है। यह ईंधन के दहन से उत्पन्न ऊर्जा को यांत्रिक गति में परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक पिस्टन सिलेंडर के अंदर ऊपर और नीचे चलता है, जिससे एक प्रत्यागामी गति उत्पन्न होती है जो इंजन को शक्ति प्रदान करती है।
विभिन्न अनुप्रयोगों में विभिन्न प्रकार के पिस्टन का उपयोग किया जाता है, प्रत्येक को विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आइए कुछ सामान्य प्रकार के पिस्टन और उनके भागों के बारे में विस्तार से जानें।
Piston की परिभाषा
यह सिलेण्डर में रेसिप्रोकेट करता है जो कि इंजन के आपरेशन साइकिल के अनुसार सिलेण्डर में सक्शन, कम्प्रेशन, पॉवर और एग्जास्ट का कारण बनता है। इंजन सिलेण्डर में विकसित पॉवर कनेक्टिंग रॉड के रास्ते पिस्टन से क्रैंकशाफ्ट तक ट्रांसमिट होती है।

यह सिलेंडर में प्रत्यावर्तन करता है जो इंजन के संचालन चक्र के अनुसार सिलेंडर में सक्शन, संपीड़न, शक्ति और निकास का कारण बनता है। इंजन सिलेंडर में विकसित शक्ति कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से पिस्टन से क्रैंकशाफ्ट तक संचारित होती है।
कनेक्टिंग रॉड को एक गजन पिन पिस्टन के साथ जोड़ता है। यह पिन पिस्टन के अन्दर माउंट किया होता है। पिन हार्ड की हुई स्टील का बना होता है और पिस्टन में फिक्स किया जाता है, परन्तु कनेक्टिंग रॉड में मूव कर सकता है। सक्लिप लगाकर पिन को साइड की ओर मूव करने से रोका जाता है जिससे वह सिलेण्डर की दीवारों में न कुदेरें।

पिस्टन कास्ट ऑयरन, कास्ट स्टील या एल्युमीनियम एलॉय के बने होते हैं। आजकल एल्युमीनियम एलॉय पिस्टनों का प्रयोग अधिकतर किया जाता है क्योंकि ये भार में हल्के और ताप के सुचालक होते हैं। इंजन में फ्रिक्शन के कारण ऊर्जा नुकसान के एक चौथाई के लिए पिस्टन जिम्मेदार होते हैं। फ्रिक्शन कम करने के लिए सिरामिक या पोलिमर कोटिंग्स का प्रयोग किया जाता है। कोटिंग्स से बोर्स में पिस्टन्स आसानी से अप और डाउन स्लाइड कर सकते हैं। प्रयोग की जाने वाली कोटिंग्स में ग्रेफ्राइट, कार्बन फाइबर और मोलिब्डेनम डाईसल्फाईड सम्मिलित होते हैं। हवा / ईंधन मिश्रण के जलने के कारण पिस्टन फैलता है। हवा/ईंधन फैलाव को सीमित रखने के लिए निम्नलिखित दो विधियों का प्रयोग किया जाता है
- पिस्टन की स्कर्ट पर स्लाट्स कटे होते हैं| तापमान में वृद्धि होने से स्कर्ट के फैलाव को स्लाट ले लेते हैं। जैसे-जैसे स्कर्ट फैलती है, यह फैलाव कम हो जाता है। माडर्न इंजनों के उच्च पिस्टन लोड के कारण इस प्रकार के पिस्टनों के स्थान पर लो एक्सपेंशन सॉलिड स्कर्ट पिस्टनों को लगाया जाता है।

- पिस्टन पर हीट डेम प्रदान किया जाता है| अर्थात् पिस्टन की टॉप लैंड की पूरी परिधि पर एक ग्रूव बनाया जाता है। यह टॉप रिंग ग्रूव पर ताप के बहाव को कम करता है। इंजन के आपरेशन के दौरान ग्रव कार्बन से भर जाता है और टॉप रिंग पर ताप के बहाव को कम करता है

पिस्टन पर हीट डेम प्रदान किया जाता है अर्थात् पिस्टन की टॉप लैंड की पूरी परिधि पर एक ग्रूव बनाया जाता है। यह टॉप रिंग ग्रूव पर ताप के बहाव को कम करता है। इंजन के आपरेशन के दौरान ग्रूव कार्बन से भर जाता है और टॉप रिंग पर ताप के बहाव को कम करता है।
पिस्टन हैड के आकार (Piston Head Shapes)

पिस्टन हैड के आकार का इनटर्नल कम्बस्चन विधि पर बहुत बड़ा प्रभाव होता है। कम्बस्चन से बनने वाले प्रारम्भिक प्रैशर और फोर्स का अधिकतम भाग इस पर पड़ता है। पिस्टन हैड के आकारों के कुछ उदाहरण में दर्शाए गए हैं। फ्लैट हैड पिस्टन सबसे सरल होता है और इसे बनाना आसान होता है। कम्बस्चन चेम्बर के आयतन को घटाने और कम्प्रैशर अनुपात को बढ़ाने के लिए कई डोम आकार प्रयोग किए जाते हैं। वाल्व क्लीयरेंस उपलब्ध कराने के लिए ऐसे पिस्टनों पर पिस्टन हैड में नोचिस होते हैं। टर्बुलेंस में सुधार लाने के लिए कुछ पिस्टन हैडों में कप या बाडल बना होता है।
पिस्टन क्लीयरेंस (Piston Clearance) :
सिलेण्डर बोर की अपेक्षा पिस्टन थोड़ा सा छोटा होता है। दो व्यासों के बीच अंतर को पिस्टन क्लीयरेंस कहते हैं। यह क्लीयरेंस निम्नलिखित कारणों से प्रदान किया जाता है|
- पिस्टन और सिलेण्डर में असमान प्रसार होता है।
- लुब्रिकेटिंग ऑयल फिल्म के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए। इंजन में फ्रिक्शन के कारण होने वाले ऊर्जा के नुकसान के एक चौथाई भाग से अधिक के लिए पिस्टन्स जिम्मेदार होते हैं।
यदि क्लीयरेंस बहुत कम होती है तो पिस्टन स्कर्ट और सिलेण्डर की दीवार के बीच तेल की फिल्म के लिए स्पेस नहीं बचेगा। तेल की फिल्म के बिना, पिस्टन ओवर हीट हो जाएगा, फैल जाएगा और सिलेण्डर में बंध जाएगा। बहुत अधिक क्लीयरेंस होने से सिलेण्डर में पिस्टन रॉक (स्लैप) कर सकता है। पिस्टन के स्कर्ट्स सिलेण्डर की दीवारों के साथ टकराने से टूट भी सकते हैं।
पिस्टन रिंग्स (Piston Rings) :
सिलेण्डर में गैस टाइट फिट बनाए रखने के लिए पिस्टन पर कई स्प्रिंगी आयरन पिस्टन फिट किए होते हैं। ये रिंग पिस्टन में कटे ग्रूवों में लगाए जाते हैं। ये रिंग्स पिस्टन और सिलेण्डर की दीवारों के बीच छोटे से क्लीयरेंस को बाहर की ओर स्प्रिंगिंग करके भर देते हैं।

टॉप रिंग अधिकतम कम्बस्चन गैसों को सील ऑफ करने का कार्य करता है। बॉटम रिंग पर प्रायः स्लाट्स कटे होते हैं और इनके लोकेटिंग ग्रुव्स में होल्स ड्रिल किए हुए होते हैं जो पिस्टन के अंदर तक बने होते हैं। यह स्क्रेपर रिंग होता है और इसका उद्देश्य सिलेण्डर की दीवारों के साथ लगे अत्यधिक तेल को हटाना है। स्क्रेपर रिंग के बिना तेल की अत्यधिक मात्रा कम्बस्चन चेम्बर में जलने लगती है। दूसरे रिंग के दोनों कार्य होते हैं-कम्बस्चन गैसों को सील करना और ऑयल की स्क्रेपिंग करना। कनेक्टिंग रॉड तक पॉवर को ट्रांसमिट करने के लिए पिस्टन में एक हॉरिजांटल गजन पिन फिट किया होता है।
पिस्टन रिंगों के तीन मुख्य कार्य होते हैं :
- कम्बस्चन चेम्बर को सील करना ताकि कम्बस्चन चेम्बर से गैसें क्रैंक में ट्रांसफर न हों।
- पिस्टन से सिलेण्डर की दीवार तक ताप के ट्रांसफर होने से सहायक होना।
- इंजन ऑयल की खपत को नियंत्रित करना ।
पिस्टन पिन (Piston Pin ) :

पिस्टन पिन कनेक्टिंग रॉड के साथ पिस्टन को जोड़ती है। इसे गजन पिन या रिस्ट पिन भी कहते हैं। भार हल्का करने के लिए पिस्टन पिन को प्रायः ट्यूबुलर आकार में बनाया जाता है। इसे हाई स्ट्रेंग्थ और हार्डनैस वाली एलॉय स्टील से बनाया जाता है। पिस्टन पिन का भार हल्का होने से इंजन अधिक तेज दर पर गति वृद्धि करने के योग्य हो जाता है। पिस्टन पिन पिस्टन बोसिस और कनेक्टिंग रॉड के छोटे सिरे से गुजरती है।
पिस्टन पिन दो प्रकार की होती हैं :
- फुली फ्लोटिंग पिस्टन पिनें।
- सेमी. फ्लोटिंग पिस्टन पिनें।


फुली फ्लोरिंग टाइप पिस्टन और कनेक्टिंग रॉड दोनों में फ्री घूम सकती है। इसका प्रयोग प्रायः ऐसे इंजनों में किया जाता है जिनमें विशेषतया उच्च लोड हो। सेमी-फ्लोटिंग टाइप में पिन को पिस्टन में या कनेक्टिंग रॉड में सुरक्षापूर्ण तरीके से फिक्स किया जाता है, प्रायः कनेक्टिंग रॉड में। एक समय था जब पिन को गजन पिन बॉस में स्क्रू थ्रेड बनाकर कसा जाता था परन्तु अब इसके स्थान पर पिन को कनेक्टिंग रॉड में फिक्स किया जाता है। इसलिए पिन की ऑसिलेशल केवल पिस्टन में ही सीमित रहती है। गजन पिन प्रायः ठंडी हालत में पिस्टन में टाइप पुश फिट होती है। जब पिस्टन नार्मल तापमान पर पहुँचता है तब यह थोड़ी सी ढीली हो जाती है। नया परिवर्तन यह हुआ है कि कनेक्टिंग रॉड के छोटे सिरे में गजेन पिन को इंटरफीयरेंस फिट किया जाए। यह वास्तव में सेमी-फ्लोटिंग पिन जैसी होती है जिसमें गजेन पिन को अपने स्थान पर बनाए रखने के लिए इंटरफीयरेंस फिट पर ही निर्भर किया जाता है। जब नई पिस्टन पिन को स्थापित किया जाता है तब यह महत्त्वपूर्ण होता है कि इसे पिस्टन में से जहाँ से गुजरना होता है वहाँ पर तेल दिया जाए। यदि सही तरह से लुब्रिकेंट नहीं किया जाता तो पिन लॉक हो जाएगी और कनेक्टिंग रॉड टूट सकती है।
Important Questions of Piston Chapter
आंतरिक दहन इंजन में पिस्टन का क्या कार्य है?
आंतरिक दहन इंजन में पिस्टन एक महत्वपूर्ण घटक है। यह सिलेंडर के भीतर ऊपर और नीचे चलता है, वायु-ईंधन मिश्रण को संपीड़ित करता है और विस्तारित गैसों से कनेक्टिंग रॉड तक बल संचारित करता है, जो अंततः क्रैंकशाफ्ट को चलाता है।
इंजन में पिस्टन रिंग क्यों महत्वपूर्ण हैं
पिस्टन के छल्ले पिस्टन और सिलेंडर की दीवार के बीच एक सील बनाते हैं, दहन गैसों को क्रैंककेस में लीक होने से रोकते हैं और वायु-ईंधन मिश्रण का कुशल संपीड़न सुनिश्चित करते हैं। वे पिस्टन से सिलेंडर की दीवार तक गर्मी हस्तांतरण में भी सहायता करते हैं।
- RPCAU Technical and Administration Recruitment 2023 Apply NowDr. Rajendra Prasad Central Agricultural University has recruited 34 posts for technical and administration positions, for which online application will start from November 22, in which vacancies have been released for Medical Officer, Assistant Technician, Field Division Clerk. For more information please read the post below. About RPCAU Technical and Administration Details Organization Dr. Rajendra[…]
- What is Voltage Drop? वोल्टेज ड्राप हिंदी मेंविद्युत प्रणालियों में वोल्टेज ड्रॉप (Voltage Drop in Hindi) एक महत्वपूर्ण तथ्य है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह वोल्टेज में कमी को दर्शाता करता है जो तब होता है जब विद्युत धारा अपने अंतर्निहित प्रतिरोध के कारण एक कंडक्टर (तार या केबल) के माध्यम से गुजरती है। वोल्टेज में गिरावट सामान्य है,[…]
- How to Test PNP and NPN Transistorsमल्टीमीटर का उपयोग करके NPN (Negative-Positive-Negative) और PNP(Positive-Negative-Postivie) ट्रांजिस्टर का परीक्षण किया जा सकता है। दोनों प्रकार के ट्रांजिस्टर के परीक्षण के लिए सामान्य चरण यहां दिए गए हैं: NPN ट्रांजिस्टर क्या होता है? एक एनपीएन (नकारात्मक-सकारात्मक-नकारात्मक) ट्रांजिस्टर द्विध्रुवी जंक्शन ट्रांजिस्टर (बीजेटी) के दो मुख्य प्रकारों में से एक है, दूसरा पीएनपी (सकारात्मक-नकारात्मक-सकारात्मक) है। ट्रांजिस्टर[…]
- Types of Transformer Cooling in Hindiट्रांसफार्मर (Types of Transformer Cooling in Hindi) की वाइंडिंग को आयरन और कॉपर हानि से बचाने के लिए कूलिंग की आवश्यकता होती है ट्रांसफार्मर विद्युत प्रणालियों में महत्वपूर्ण घटक हैं जिन्हें अपनी परिचालन दक्षता बनाए रखने और ओवरहीटिंग को रोकने के लिए प्रभावी शीतलन (Effective Cooling) की आवश्यकता होती है। ट्रांसफार्मर के लिए शीतलन प्रणाली[…]
- Types of Logic Gate with Examples in Hindiविभिन्न प्रकार के लॉजिक गेट Logic Gate in Hindi (AND Gate, NOT Gate, OR Gate, NOR Gate, NAND Gate, Ex-OR Gate) एवं उनके उदाहरण यहां परआपको विस्तार से दिया गया है साथ ही साथ उसकी (Logic Gate Defination in Hindi)परिभाषा भी बताया गया है इस पोस्ट के जरिए आप बेसिक लॉजिक गेट केबारे में बहुत[…]
One thought on “Types of Pistons and Their Parts: A Detailed Overview”
Comments are closed.